प्रभु की देन
इस पावन ज्योति में बसे हो प्रभुजी
पर मैं समझ न पाया |
तुम्हारा दर्पण मुझे में प्रभुजी
पर मैं देख न पाया |
आपने प्रदान की है षक्तियाॅं प्रभुजी
पर मैं सॅंभाल न पाया |
आप ही हो मेरी मॅजिल मेरी प्रभुजी
पर मैं खोज न पाया |
आपने दिखाया है रास्ता प्रभुजी
पर मैं चल न पाया |
तुम ही हो मेरे विधाता प्रभुजी
पर मैं पढ़ न पाया |
सब ओर है गुंज मंगल की प्रभुजी
पर मैं सुन न पाया |
चला रहे त्रिभूवन आप ही प्रभुजी
पर मैं माया समझ न पाया |
दया करो इस अज्ञानी पर प्रभुजी
अंत में शरण मैं आप के आया |
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