बुधवार, 16 फ़रवरी 2022

 





प्रभु की देन


इस पावन ज्योति में बसे हो प्रभुजी

पर मैं समझ न पाया |

तुम्हारा दर्पण मुझे में प्रभुजी

पर मैं देख न पाया |

आपने प्रदान की है षक्तियाॅं प्रभुजी 

पर मैं सॅंभाल न पाया |

आप ही हो मेरी मॅजिल मेरी प्रभुजी

पर मैं खोज न पाया |

आपने दिखाया है रास्ता प्रभुजी

पर मैं चल न पाया |

तुम ही हो मेरे विधाता प्रभुजी

पर मैं पढ़ न पाया |

सब ओर है गुंज मंगल की प्रभुजी 

पर मैं सुन न पाया |

चला रहे त्रिभूवन आप ही प्रभुजी

पर मैं माया समझ न पाया |

दया करो इस अज्ञानी पर प्रभुजी 

अंत में शरण मैं आप के आया |

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